A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

It is believed that frequent chanting of Chalisa delivers happiness, peace, and prosperity from the lives with the devotees.

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

जय हनुमान shiv chalisa in hindi ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

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